रात के खाने के बाद करने वाले आसन का मुख्य उद्देश्य पाचन को सुधारना और शारीरिक सुख-संतुलन को बनाए रखना होता है।ये आसन रात्रि को आरामदायक बनाने में मदद कर सकते हैं और अन्धकार में शांति और स्वस्थता का अनुभव करने में मदद कर सकते हैं।यहां कुछ ऐसे आसनों का परिचय है जो घर पर आसानी से किए जा सकते हैं | ये आसन हमारे पाचन तंत्र को भी ठीक रखती है और खाना पचा देता है। और पेट को स्वस्थ रखता है। इसलिए हमे रात के खाना खाने के बाद ये आसन करना चाहिए
1. वज्रासन (Vajrasana)
पाचन को सुधारना: यह आसन पाचन को बेहतर बनाए रखता है और अपच समस्याओं को कम कर सकता है।
बैक पेन में राहत: वज्रासन बैक पेन को कम करने में मदद कर सकता है और कमर को मजबूती प्रदान कर सकता है।
वजन नियंत्रण: इस आसन से कुल्हों और पेट की चर्बी को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे वजन नियंत्रित रह सकता है।
वज्रासन (Vajrasana) करने का तरीका
फर्श पर घुटनों के बल खड़े हो जाएँ और अपने पैरों को पीछे की ओर मोड़ें।
अपने पुट्ठों को एड़ियों पर रखते हुए बैठ जाएँ आपके पैरों की उंगलियाँ बाहर की ओर और पैरों के अंगूठे एक दूसरे को छूते हुए होने चाहिए।
अपने दोनों एड़ियों के बीच बनी जगह में बैठ जाएँ। आपका पेट और पीठ सीधा होना चाहिए।
अपनी हथेलियां जांघों पर रखें और आकाश की ओर खुली हुए रखें। अपनी आंखें बंद करें और शांत मन से सांस लें।
इस आसन को कम से कम 5 मिनट तक बनाए रखें। अगर आपको कोई तकलीफ महसूस होती है, तो इसे तुरंत छोड़ दें।
2.पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
रीढ़ की हड्डी, कंधे और हैमस्ट्रिंग में लचीलापन बढ़ाता है।
जिगर, गुर्दे, अंडाशय और गर्भाशय की कार्यक्षमता में सुधार करता है।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज, गैस और एसिडिटी से राहत देता है।
पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana) करने का तरीका
बैठें: मैट पर सीधे रूप से बैठें, पैरेल्लल रखें और पैरों की मोटाई के अनुसार सारे पैर एक-दूसरे के सामने हों।
स्थिति निर्धारित करें: सीधे बैठने के बाद, हाथों को सीधा ऊपर उठाएं और सांस लें।
झुकाव करें: हाथों को सीधा बैठे हुए पैरों की ओर ले जाएं और सिर को ज्यादा से ज्यादा पैरों की ओर ले जाएं।
पूर्वोत्तानासन (Forward Bend): श्वास बाहर निकालते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाएं, पेट को थोड़ा सा अंदर की ओर करें।
स्थिति में रहें: झुकाव को स्थिति में बनाए रखें, सांस सामान्य रखें और मन को शांत रखें।
धीरे-धीरे बाहर आएं: आसन से बाहर आते समय धीरे-धीरे उठें, पीठ को सीधा करें और हाथों को नीचे लाएं।
3.उत्तानासन (Uttanasana)
उत्तानासन (Uttanasana) करने का तरीका:
सीधे खड़े हों और अपने हाथ अपने शरीर के साइड में रखें।
साँस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकें — ध्यान रहे कि कमर के जोड़ों से नहीं झुकना है।
नीचे झुकते समय साँस छोड़ें।याद रहे कि सभी आगे झुकने वाले आसनों की तरह उत्तानासन में उद्देश्य धड़ को लंबा करना होता है।
अगर आप में इतना लचीलापन हो की आप अपनी उंगलियाँ या हथेली ज़मीन पर टीका सकें, तो ऐसा करें।अगर आपके लिए यह करना संभव ना हो तो ज़बरदस्ती ऐसा करने की कोशिश ना करें क्योंकि ऐसा करने से आपकी हॅम्स्ट्रिंग में चोट लग सकती है।
– ऐसी स्तिथि में अपने फॉरार्म्स को क्रॉस करें और अपनी कोहनी पकड़ लें।
– अपने गर्दन को ढीला छोड़ दें और अपने सिर को नीचे लटकने दें।
– इस आसन को कम से कम 10 सेकंड तक बनाए रखें और फिर धीरे-धीरे खड़े हो जाएं।
उत्तानासन (Uttanasana)करने का फायदे
यह दिखने में तो एक सरल सा आसन लगता है किंतु यह आपके शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करता है।
यह मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव व हल्के डिप्रेशन में राहत देने में मदद करता है।
यह जिगर और गुर्दों के बेहतर कार्य पद्धति में मदद करता है।
यह हैमस्ट्रिंग, पिंडली, और कूल्हों में ज़रूरी खिचाव पैदा करता है।
यह जांघों और घुटनों को मज़बूत करता है।
यह पाचन में सुधार लाता है।
4.गोमुख आसान (gomukh aasan)
इस आसन से हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है, क्योंकि इससे रक्त का प्रवाह बेहतर होता है और उच्च रक्तचाप की समस्या से बचा जा सकता है
इस आसन से शरीर में लचीलापन आता है, जो रीढ़ की हड्डी, कंधे, गर्दन, बाजू और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत और चुस्त बनाता है
गोमुख आसान करने का तरीका
पहले दंडासन में बैठें, यानि दोनों पैरों को सामने सीधे रखें और एड़ी-पंजों को मिलाएं।
अब बाएं पैर को मोड़ें और एड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखें।
फिर दाहिने पैर को मोड़ें और बाएं पैर के ऊपर रखें, ताकि दोनों जांघें एक-दूसरे के ऊपर हों।
अब श्वास भरते हुए दाहिने हाथ को ऊपर उठाएं और दाहिने कंधे को ऊपर खींचें।
फिर दाहिने हाथ को पीछे पीठ की ओर ले जाएं और बाएं हाथ को पेट के पास से पीठ के पीछे ले जाकर दाहिने हाथ के पंजे को पकड़ें।
गर्दन और कमर को सीधा रखें और नजरें सामने की ओर देखें।
इस स्थिति में कुछ सेकंड या अपनी सुविधानुसार रुकें।
फिर धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए हाथों को छोड़ें और पैरों को सीधा करें।
इसी प्रकार दूसरी ओर से भी इस आसन को दोहराएं।
5.बालासन (Balasana)
बालासन (Balasana) करने का तरीका
मैट पर बैठें, वज्रासन की तरह।
होंठों को आगे की ओर झुकाएं और पूर्वोत्तानासन में आएं।
हाथों को आगे बढ़ाएं और सीधे होंठों को मैट पर लगाएं।
पूरी तरह से धीरे से श्वास लें और सारे शरीर को बैठे हुए छोड़ दें।
बालासन (Balasana) करने का फायदे
बालासन से पूरे शरीर को धीरे-धीरे शांति मिलती है। यह मानसिक तनाव को कम करने, मस्तिष्क को शांत करने, और नींद को सुधारने में मदद करता है। इससे कमर और घुटनों को आराम मिलता है और पाचन सिस्टम को सुधारने में भी सहायक होता है।
चित्र साभार google
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। जो इन्टरनेट और किताबों को पड़कर लिखी गयी है, यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। ehinsights इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
खाना खाने के कितना देर बाद लेटना चाहिए ?
आपका सवाल बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि खाना खाने के बाद लेटना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। खाना खाने के बाद लेटने से आपका पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है, आपको एसिडिटी, गैस, कब्ज और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, आपको खाना खाने के बाद कम से कम 2-3 घंटे तक लेटने से बचना चाहिए।
रात को खाना खाने के बाद क्या करना चाहिए?
रात को खाना खाने के बाद आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। आपको इन बातों को करना चाहिए:
हाथों और मुंह को साफ करें।
दांतों को ब्रश करें और गर्म पानी से कुल्ला करें।आंखों पर फिंगर टिप्स रखें।
सौंफ के बीज चबाएं।
100 कदम पैदल चलें।