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पीपल का पेड़ हजारों सालों से हमारे पृथ्वी पर मौजूद है एवं हमारे पूर्वजों के द्वारा हमेशा इसका संरक्षण किया गया है एवं इसे बहुत सारे ग्रंथों में भी पूजनीय माना गया है , इतने सब के पीछे सिर्फ धार्मिक कारण ही नहीं है बल्कि बहुत सारे वैज्ञानिक कारण भी है
आइये आज हम इसके बारे में जानते है |
पीपल परिचय :-
पीपल का पेड़ देखने में कुछ बरगद के सामान ऊँचाई का होता है, बस इसके तने से जटाएं नहीं निकलती हैं| पीपल का वैज्ञानिक नाम फाईकस रेलिगोसा (Ficus Religiosa) है| यह पेड़ उन पेड़ो में से है जो 24 घंटे हमारे वायुमंडल में ओक्सिजन
छोड़ती है , पीपल के पेड़ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक रूप से भी बहुत उपयोगी है| पीपल के कई प्रजातियों के पेड़ की उम्र 1000 से 2000 सालों तक पाई गयी है| हिन्दू धर्मं में इस पेड़ को पवित्र पेड़ मानते है एवं इसकी लकड़ी जलाने में इस्तेमाल नहीं करते है| बौद्ध धर्म में तो इस पेड़ का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि मान जाता है की भगवान बुद्ध को इसी पेड़ के निचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी| इसीलिए पीपल के पेड़ को शांति का प्रतिक भी मान गया है|
साथ ही साथ पीपल के पेड़ से बहुत सारी दवाइयां बनती है, जो विभिन्न प्रकार के बीमारियों से निज़ात दिलाने के लिए उपयोगी होतीं हैं| इसीलिए आयुर्वेद में इसका उपयोग प्राचीन काल से ही होता आया है |
पीपल के पेड़ के उपयोग :-
पीपल के पेड़ के उपयोग भुत समय से होता आया है आज हम उनमे से कुछ महत्वपूर्ण उपयोग के बारे में हम जानेंगे |
1. 24 घंटे oxygen देना :-
जैसा की हमें पता है हमारे जीने के लिए हमें ऑक्सीजन चाहिए जो की हमें पौधों से प्राप्त होती है परन्तु पेड़ तो सिर्फ दिन में ही ऑक्सीजन देती है जी नहीं कुछ पेड़ रात में भी ऑक्सीजन देती है इनमें से एक पीपल का पेड़ भी आता है ये २४ घंटे oxygen देते है इस तरीके से ये पेड़ अपनी पूरी जिंदगी हमारे लिए oxygen बनाती रहती है |
2.दवाइयों के रूप में वृहत् उपयोग :-
पीपल के पेड़ के सभी भागों(जड़ , तना ,पत्ती, छाल ,एवं फल)को अलग अलग बीमारियों के उपचार में प्रयोग किया जाता है इसे सिर्फ आयुर्वेद में ही नहीं बल्कि होमयोपैथी और elopathy की दवाई बनाने में भी इस पेड़ के विभिन्न भागों का उपयोग होता है |
3.जैव विविधता / biodiaversity में महत्वपूर्ण योगदान :-
ये पेड़ बड़ा और लम्बा जीवनकाल वाला होता है 1000-२००० वर्षो तक इसकी जीवनकाल हो सकती है साथ ही इसमें बहुत सघन डालियाँ पाई जाति है जिससे इसमें बहुत सारे छोटे जीव-जन्तु (पछियाँ , गिलहरी ,मधुमक्खियों, ) रहती है एवं इसके फल और पत्तियां खाती हैं |
4.नेचुरल air purifier / सदाबहार होना :-
जब आप अपने आस पास के पेड़ो को देखेंगे तो पता लगेगा की पीपल के पेड़ की पत्तियां सारे पेड़ो के तुलना में ज्यादा घनी होती है साथ ही ये पेड़ पतझड़ में अपनी सारी पत्तियां नहीं गिराती हैं, जिससे गर्मियों में इसके आस पास एक ठंढक बनी रहती है| और ज्यादा पत्तियां होने के वजह से ये बहुत सारे हानिकारक बैक्टेरिया को मारकर एक नेचुरल air purifier का भी काम अच्छे से करता है |
4.आसानी से कही भी उग जाता है या लगाया भी जा सकता है :-
पीपल के पेड़ की एक अच्छी बात ये है की हमें इसे कही लगाना नहीं पड़ता ये खुद ब खुद ही कहीं भी उग जाता है हमें सिर्फ इतना करना है की इस पेड़ को न ही काटना है न ही काटने देना क्योंकि ये हमारे पर्यावरण और हमारी खुद की जिन्दगी के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है |
अगर आप पीपल को लगाना चाहते है तो भी बहुत ही आसानी से लगा सकते है आपको सिर्फ कही से भी एक छोटा पेड़ को जड़ से आस पास से निकलने की कोशिश करनी है अगर जड़ टूट भी जाता है तो भी आप मिट्टी में लगा दे पेड़ आसानी से लग जायेगा साथ ही ये लो Maintenance भी है |
6. मिट्टी कटाव रोकने में सहायक :-
कटाव अभी के परिवेश के लिए बहुत बड़ी प्रॉब्लम है ये मिट्टी के उपरी परत उपजाऊ मिट्टी (humus) को पानी अपने साथ बहा ले जाती जिससे भूमि की उपजाऊ शक्ति घटती है एवं फसलों का उत्पादन कम हो जाता है | अगर मिट्टी के आस पास ऐसी बड़ी जड़े वाली पेड़ पौधे हो तो मिट्टी का कटाव रुकेगा और हमारी मिट्टी उपजाऊ बनी रहेगी |
उम्मीद है इस ब्लॉग से आपको पीपल पेड़ के बारे में काफी कुछ सीखने को मिला होगा साथ ही ये भी समझ आया होगा की ये हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है | हमें अपने खुद के लिए कम कम एक पीपल तो लगाना ही चाहिए , और GREEN LIFE CLEAN LIFE के तरफ कदम उठाना चाहिए |
धन्यवाद !💚🌱🌱
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