मखाना, जिसका फोड़फोड़ी फूलवाला नाम भी है यह मखाना एक प्रकार का जलीय फल है, जो ईरियल फॉक्स नामक पौधे से आता है। यह पूर्वी एशिया के झीलों या तालाबों के स्थिर पानी में उगता है।इसके पत्ते कमल के समान होते हैं, लेकिन इसके फल कांटेदार और मुलायम होते हैं। इसके बीज को मखना कहते हैं, जो भारत और चीन में एक लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है। मखाना में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोस्फोरस, लौह और फ्लावोनॉइड्स।
मखाना कैसे बनता है/Makhana Kaishe Banta Hai ?
मखाना कैसे बनता है, यह जानने के लिए आपको इसकी खेती और प्रसंस्करण की प्रक्रिया के बारे में पता होना चाहिए।मखाना कमल के बीजों से बनता है, जो उथले पानी वाले तालाबों में उगाए जाते हैं इन बीजों को दिसंबर से जनवरी के बीच में बोए जाते हैं और अप्रैल के महीने में पौधों में फूल उगने लगते हैं।जुलाई के महीने में फूल पानी की सतह पर तैरने लगते हैं और बाद में पानी के नीचे जाकर बैठ जाते हैं।इन फूलों के कांटे गलने में एक से दो महीने का समय लगता है।फिर किसान इन्हें सितंबर से अक्टूबर के महीने में इकट्ठा कर लेते हैं।फिर मखाने के बीजों को तेज धूप में सुखाया जाता है और उनके साइज के अनुसार ग्रेडिंग की जाती है।इसके बाद इन्हें फ्राई करके फूल मखाना बनाया जाता है। इसके लिए एक तय समय के अंदर ही यह प्रक्रिया पूरी करनी होती है, वरना इनके खराब होने का खतरा रहता है|इन्हें फ्राई करने के बाद बांस के कंटेनर में रखकर गोबर का लेप किया जाता है और फिर दोबारा फ्राई किया जाता है।इस तरह से मखाना तैयार हो जाता है।
मखाना खाने के फायदे/ रोज मखाना खाने के फायदे :-
- मखना कमल के बीज को कहते हैं, जो स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर होते हैं। मखने में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी ट्यूमर, फाइबर, और विटामिन बी जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
- मखाना वजन घटाने में मदद करता है, क्योंकि यह फैट सेल्स को नियंत्रित करता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
- मखाना डायबिटीज को रोकने और नियंत्रित करने में मदद करता है, क्योंकि यह शरीर में शर्करा के स्तर को कम करता है।
- मखाना हृदय को स्वस्थ रखता है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और रक्तचाप को संतुलित रखता है।
- मखाना पाचन तंत्र को सुधारता है, क्योंकि यह कब्ज, दस्त, अम्लता और गैस जैसी समस्याओं को दूर करता है।
- मखाना यौन और प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ाता है, क्योंकि यह वीर्य दोष, शुक्राणुओं की कमी, गर्भधारण की क्षमता और यौन इच्छा को सुधारता है।
- मखाना त्वचा,बाल और नाखून को सुंदर और स्वस्थ बनाता है,क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट और कैल्शियम से भरपूर होता है।
मखाना खाने के नुकसान/ Makhana Khane Ke Nuksan:-
मखाना के नुकसान के बारे में आपको बताने के लिए मैंने खोज की है|और पता चला है कि मखाना के फायदे तो बहुत सारे हैं, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन कुछ समस्याओं का कारण भी बन सकता है। जैसे
- एलर्जी: मखाने में स्टार्च की मात्रा मौजूद होती है, जो शरीर में एलर्जी का कारण बन सकती है
- कब्ज: मखाने में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है, जो पचने में समय लेते हैं। इसलिए, इसका ज्यादा सेवन कब्ज की समस्या को बढ़ा सकता है
- किडनी स्टोन: मखाने में कैल्शियम की मात्रा भी होती है, जो किडनी में पथरी का कारण बन सकती है। इसलिए, किडनी स्टोन के मरीजों को इसका सेवन कम करना चाहिए
- हाइपरटेंशन: मखाने में सोडियम की मात्रा कम होती है, लेकिन अगर इसे नमक के साथ खाया जाए, तो यह रक्तचाप को बढ़ा सकता है। इसलिए, उच्च रक्तचाप के मरीजों को इसका सेवन बिना नमक के करना चाहिए
मखाना के अन्य नाम/makhana ke anya naam:-
मखाना को अलग-अलग भाषाओं और क्षेत्रों में विभिन्न नामों से जाना जाता है। कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं:
– संस्कृत में मखाना- मखाना, पद्मबीजाभ, पानीयफल, आँकलोड्य
– हिंदी में मखाना- मखाना,
– उड़िया में मखाना- कंटपद्म
– तेलुगु में मखाना- मेल्लुनिपदममु
– पंजाबी में मखाना- ज्वेर
– मराठी में मखाना – मखाने
– मलयालम में मखाना- सीवसट
– मणिपुरी में मखाना- थांगजिंग
– अंग्रेजी में मखाना – गोरगोन तितली , प्रिकली वॉटर लिली (Foxnut)
रोजना कितने मखाना खाना चाहिए / एक दिन में कितने मखाने खा सकते हैं:-
अगर आप जानना चाहते हैं कि रोजाना कितने मखाने खाने चाहिए, तो आयुर्वेदिक डॉक्टर की माने तो आपको सुबह उठते ही खाली पेट पांच से सात मखाने खाने चाहिए।यह शरीर में कई बीमारियों को काटने के साथ ही शरीर में प्रोटीन की मात्रा भी पूरी करते है। इतना ही नहीं पाचन तंत्र से लेकर जोड़ों के दर्द में भी यह लाभदायक है।
आप इसे घी में फ्राई करके या स्मूदी बनाकर भी खा सकते हैं, लेकिन इसके लिए सुबह का समय ही चुनें।रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सुबह के समय इसे खाने से इसे आसानी से पचाया जा सकता है।साथ ही पेट भी काफी देर तक भरा हुआ रहता है।ऐसे में आपको फूड क्रेविंग तंग नहीं करेगी और वजन घटाने में मदद मिलेगी।
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महिलाएँ के लिए मखाने के फायदे/Makhana Benefit For Female In Hindi:-
मखाने के फायदे महिलाओं के लिए बहुत सारे हैं। मखाने में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो महिलाओं की सेहत के लिए लाभदायक होते हैं।मखाने का सेवन करने से महिलाओं को निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं
- मखाने गर्भवती महिलाओं के लिए शक्तिवर्धक और गर्भाशय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
- मखाने हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाने और दर्द से राहत देने में सहायक होते हैं।
- मखाने वजन कम करने में फायदेमंद होते हैं, क्योंकि वे फैट कम और फाइबर ज्यादा होते हैं।
- मखाने त्वचा को जवां और निखारी बनाने में काम आते हैं,क्योंकि वे एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीएजिंग गुण धारण करते हैं।
- मखाने कमजोरी और थकान दूर करने में भी उपयोगी होते हैं, क्योंकि वे शरीर को एनर्जी और पोषण प्रदान करते हैं।
मखाना खाने का सही समय क्या है ?
आयुर्वेदिक डॉक्टर की माने तो आपको सुबह उठते ही खाली पेट पांच से सात मखाने खाने चाहिए।यह शरीर में कई बीमारियों को काटने के साथ ही शरीर में प्रोटीन की मात्रा भी पूरी करते है। इतना ही नहीं पाचन तंत्र से लेकर जोड़ों के दर्द में भी यह लाभदायक है।
दूध और मखाना खाने के फायदे :-
दूध और मखाना दोनों में कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो हड्डियों, दांतों, मांसपेशियों, बालों और त्वचा के लिए अच्छे होते हैं। दूध और मखाना दिल के लिए भी फायदेमंद होते हैं, क्योंकि इनमें पोटैशियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं।
मखाना कौन-कौन से तरीक से खाये जा सकते हैं/ मखाना कैसे खाना चाहिए ?
मखाना को घी या तेल में भूनकर नमकीन या मसालेदार बनाकर। मखाना को दूध में उबालकर खीर बनाकर। साथ ही मखाना को सब्जियों, पुलाव, करी या सूप में डालकर खाया जा सकता है|
मखाना खाने का सबसे अच्छा तरीका कौन सा हैं ?
सबसे अच्छा तरीका यह है कि मखाना को दूध में उबालकर खीर बनाकर खाना अधिक फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे इसके और दूध के पोषक तत्व दोनों मिलकर शरीर को लाभ पहुंचाते हैं।
मखना कब और किसे नहीं खाना चाहिए ?
मखाना को आमतौर पर किसी भी समय और किसी भी व्यक्ति को खाना चाहिए, क्योंकि यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।लेकिन कुछ ऐसे हालात भी होते हैं, जब मखाना खाना चाहिए नहीं, जैसे कि:
जिन लोगों को मखाने से एलर्जी होती है ,जिन लोगों को किडनी स्टोन की समस्या है, उन्हें मखाना नहीं खाना चाहिए।
मखाना गर्म है या ठंडा / मखाना की तासीर क्या होती है ?
मखाना की तासीर ठंडी होती है तथा ये किसी भी मौसम में आसानी से खाया जा सकता है |
क्या हम मखाना बिना तले खा सकतें हैं ?
जी हाँ बिल्कुल मखाना को बिना भूंजे सब्जी या खीर या पुलाव में डालकर खा सकते है साथ ही इसे आप साबुत कच्चे भी खा सकते हैं, परन्तु अगर आप भूंज लेंगे तो ये खाने में थोड़ा कुरकुरा और स्वादिस्ट हो जाता है |
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