Surya Namaskar Benefits for Men/Women In Hindi / Step by step guide for Surya namaskar.
सूर्य नमस्कार पुराने समय से योगासन शुरु करने का प्रारंभिक प्रक्रिया है इसे नियमतः सुबह की वेला में सूर्य उगने साथ स्टार्ट किया जाता है , योग विज्ञानं ने सूर्य नमस्कार से होने वाले बहुतो लाभ का वर्णन किया है तो आज के इस लेख के माध्यम से हम सूर्य नमस्कार को करने के तरीके, इससे होने वाले शारीरिक और मानसिक लाभ, साथ ही हम जानेंगे की Surya Namaskar kaishe kre/सूर्य नमस्कार कैसे करें एवं इसके फायदे और नुकसान क्या क्या हैं, सूर्य नमस्कार को करने का सही समय और तरीके के बारे में जानेंगे, ताकि हमें सूर्य नमस्कार के सम्पूर्ण लाभ मिल सके |
Contents
सूर्य नमस्कार क्या है?
सूर्य नमस्कार पुरे शरीर के लिए एक पूर्ण व्यायाम है, इसमें कुल 12 आसन होते हैं जो शरीर के अलग-अलग भागों को फिट रखने में मदद करते हैं| इस व्यायाम में हम सूर्य देवता को पूजने का भाव रखते है, इसे सूर्योदय के साथ किया जाता है इसीलिए इसे सूर्य नमस्कार कहते हैं | इसे महिला, पुरुष , एवं बच्चे सभी आयु वर्ग के इन्सान इसे आसानी से कर सकते हैं| नियमित रूप से करने से शरीर सेहतमंद रहता है |
सूर्य नमस्कार के फायदे/Benefits of Surya Namaskar:-
मांसपेसियों एवं जोड़ो को मजबूत करे:-
सूर्य नमस्कार में बहुतसरे आसन सामिल होते है जिससे हमारे शरीर के सभी भागो की exercise हो जाती है जिससे मांसपेसियाँ एवं जोड़ो में मजबूत बनी रहती हैं |
शरीर में लचीलापन बनाये रखता है:-
इस व्यायाम में हम लगभग अपने शारीर के सारे हिस्से में खिचाव डालते है जिससे अगर इसे रोजाना किया जाता है तो हमारा शारीर लचीला हो जाता है, और मांसपेसी अकड़न की समस्या नहीं आती है |
पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है:-
सूर्य नमस्कार करते समय हमारे उदर के भाग में सिकुडन एवं खिचाव होती है जिससे हमारे पेट का व्यायाम होता है और हमारा पाचन तंत्र दुरस्त रहता है | जिन लोगों को पाचन संबंधी या गैस की समस्या रहती है उसे सूर्य नमस्कार को अपनी दिनचर्या में डालना चाहिए | यकीं मानिये आपको जल्दी ही लाभ देखने को मिलेगा|
त्वचा में निखार लाता है:-
चुकिं यह आसन सूर्य के पहली किरण के साथ शुरु होती है तो हमे रिच मात्रा में विटामिन डी मिलती है साथ ही इसे रोजाना करने से ब्लड फ्लो बढता है और हमारी त्वचा में ग्लो आ जाता है साथ ही झुरियां भी कम होने लगती है |
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मन को शांत एवं स्थिर रखता है:-
अभी के समय में हम जितना आगे बड़ते जा रहें हैं हमारा तनाव भी उतना ही बढता जा रहा है , तो एक खुशाल जिन्दगी के लिए हमे मासिक रूप से मजबूत और शांत रहना जरुरी है | सूर्य नमस्कार करने से आपका ब्रेन रिलैक्स करता है और तनाव से रहत मिलता है, साथ फोकस और प्रोडक्टिविटी भी बढती है |
Body Posture को सही रखता है :-
रोज सूर्य नमस्कार करने से स्पाइन की एलाई मेंट बेहतर होती है जिससे बॉडी Poisture ठीक रहता है| इससे आपकी मांसपेसियों में Flexibility बढती है जिससे स्पाइन पेन गर्दन दर्द और पीठ दर्द में भी रहत मिलता है |
सूर्य नमस्कार करने के तरीके / Step By Step Guide for Surya Namaskar :-
1 . सूर्यनमस्कार के प्रत्येक आसनों के लाभ :-
आसन | लाभ |
1 . प्रणाम आसन | इस आसन से एकाग्रता का भाव पैदा होता है | |
2.हस्त उत्तानासन | इस आसन को करने से कन्धा ,गर्दन, छाती,रीड एवं शरीर के उपरी भाग में लचीलापन आता है| |
3.हस्तपाद आसन | पाचन प्रक्रिया को दुरस्त करता है एवं कमर की जड़ता को कम करके कमर को लचीला बनाता है जिससे कमर दर्द की समस्या नहीं रहती है | |
4.अश्व संचालन आसन | घुटना और टखना को मजबूत करता है | |
5.पर्वत आसन | मानसिक कोशिकाओ को शांत करता है एवं रीड की हड्डी को मजबूत बनता है| |
6.अष्टांग नमस्कार | ब्लड प्रेसर को नियंत्रित करने में सहायक साथ ही दिल को स्वस्थ रखने में सहायक | |
7.भुजंगासन | इस आसन से हमारे फेफड़े मजबूत होते है साथ ही कंधे और भुजाओ में मजबूती आती है | |
8.पर्वत आसन | ये हमारे हिप मसल्स की जड़ता को कम करता है एवं पैर के पिछले भागों में खून के बहाव को सक्रिय करता है | |
9.अश्व संचालन आसन | घुटना और टखना को मजबूत करता है | साथ ही गर्दन के पिछले हिस्से को सक्रीय बनाता है | |
10.हस्तपाद आसन | पाचन प्रक्रिया को दुरस्त करता है एवं कमर की जड़ता को कम करके कमर को लचीला बनाता है जिससे कमर दर्द की समस्या नहीं रहती है | |
11. हस्त उत्थान आसन | इस आसन को करने से कन्धा ,गर्दन, छाती,रीड एवं शरीर के उपरी भाग में लचीलापन आता है| |
12.प्रणाम आसन | ये इस कड़ी का पहला और अंतिम आसन है इसमें हम आराम से खड़े होकर प्रणाम की मुद्रा में शरीर को आराम देते हैं| |
सूर्य नमस्कार कब और कितनी बार करना चाहिए(Surya Namaskar Karne Ka Sahi Samay kya hai) :-
जैसे इसके नाम से पता चलता है हमे इसे हमेशा सूर्योदय के समय करना चाहिए| कोशिश करे ये समय तब हो जब सूर्य की लालिमा बनी हुई हो ओए आपका चेहरा सूर्य की अग्रसित हो | जब आप अपने नित्य क्रिया से स्वक्ष हो ले फिर ही इसे करें |
एक स्वस्थ इन्सान सूर्य नमस्कार के अच्छे लाभ के लिए रोजाना 3-5 बार जरुर करें, अगर आपके पास थोडा समय है तो इसे 11 से 13 बार भी कर सकतें है इससे आपको जल्दी और बेहतर लाभ देखने को मिलेगा |
सूर्य नमस्कार से जुडी सावधानियां(Surya Namaskar Ki Sawdhaniyan in Hindi) :-
- ध्यान रखें की सूर्य नमस्कार हमेसा सुबह में करे अगर इसे 6 बजे सुबह के पहले कर पाते है तो ये बहुत फायेदेमंद साबित होगा |
- अगर आप रोजाना सुबह व्यायाम करने वाले व्यक्ति हैं तो सबसे पहले आप सूर्य नमस्कार से ही स्टार्ट करें |
- अगर आपको सुबह पानी पिने की आदत है तो हमेसा पानी पिने के 15 मिनट पहले या 15 मिनट बाद ही सूर्य नमस्कार करें |
- अगर आप इस व्यायाम की शुरुवात कर रहे है तो पहले अच्छे से इसके सारे स्टेप्स सिख लें | फिर सरे असनो आराम आराम से करें |
- अगर आपको कोई शारीरिक परेशानी है तो पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरुर लें फिर ही इसे अपने आदत में डालें |
सूर्य नमस्कार अपने आप में एक सम्पूर्ण व्यायाम है तो इसे अपने आदतों में लाकर तंदुरस्ती से भरी जिन्दगी का आनंद लें |
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